संवादाता बांकेगंज। दुधवा टाइगर रिजर्व प्रभाग पलिया-खीरी की मैलानी रेंज के अन्तर्गत बीट सं0–38 कक्ष सं0-09 कुकुरगढ़ा ताल में एक नर बाघ के मृत होने की सूचना मिलने से वन विभाग में मचा हड़कंप। मृत नर बाघ के शव को पोस्टमार्टम हेतु निदेशक, भारतीय पशु चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली, उ०प्र० को भेजा गया है।
क्षेत्रीय वन अधिकारी मैलानी द्वारा मृत बाघ के मामले से अधिकारियों को अवगत कराए जाने के बाद डीएफओ और मुख्य वन संरक्षक एवं फील्ड डायरेक्टर, दुधवा टाइगर रिजर्व, लखीमपुर-खीरी, वन्य जीव प्रतिपालक, किशनपुर, क्षेत्रीय वन अधिकारी, मैलानी व डॉ० दयाशंकर, पशुचिकित्सक, अपूर्व गुप्ता, बायोलोजिस्ट के साथ मौके पर पहुंचे और घटना स्थल का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान पशुचिकित्सक द्वारा अवगत कराया गया कि उक्त बाघ की मृत्य आपसी संघर्ष में लगभग 04-05 दिन पूर्व हुई होगी।
मृत बाघ के शव के पास कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिला और मृत बाघ के शव का वाह्य परीक्षण डॉ० दया शंकर, पशुचिकित्सक, दुधवा टाइगर रिजर्व प्रभाग, पलिया-खीरी द्वारा किया गया। निरीक्षण के दौरान बाघ के सभी अंग नाखून, दाँत सुरक्षित हैं किन्तु शरीर में कुछ स्थानों पर कीड़े पड़े हुये हैं। बाघ की मृत्यु का वास्तविक कारण पोस्टमार्टम के उपरान्त ही स्पष्ट हो सकेगी। मृत नर बाघ के शव को पोस्टमार्टम हेतु निदेशक, भारतीय पशु चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली, उ०प्र० को भेजा गया है।
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