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शनिवार, 17 जून 2023

जगन्नाथपुरी रथयात्रा उत्सव को सफल बनाने उड़ीसा निकली रेडक्रॉस टीम को चेयरमैन ने किया ऊर्जित


नगर पालिका परिषद चेयरमैन डॉक्टर इरा श्रीवास्तव ने रेडक्रॉस सेवा दल को शुभकामनाओं की हरी झंडी दिखाकर किया ऊर्जित

लखीमपुर। आषाढ़ मास, शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से जगन्नाथपुरी में होने विशाल जगन्नाथपुरी रथयात्रा उत्सव को सफल बनाने के लिए जहाँ एक तरफ शासन, प्रशासन ने कमर कस ली है वहीं दूसरी तरफ मानवीयता का प्रदीप्त दीपक प्रज्ज्वलित कर रही इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी भी प्रयासरत है। उत्तर प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों से लगभग पौने दर्जन रेडक्रॉस सेवी इस धार्मिक उत्सव में अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे। इसी परिपेक्ष्य में आज यहां लखीमपुर जिले से 3 रेडक्रॉस सेवियों को नगर पालिका परिषद चेयरमैन डॉक्टर इरा श्रीवास्तव ने शुभकामनाओं की हरी झंडी दिखाकर सेवा दल को उत्साहित किया।
लखीमपुर रेलवे स्टेशन से प्रभातकालीन बेला में लखनऊ जाने वाली पहली ट्रेन पर रेडक्रॉस जिला सचिव आरती श्रीवास्तव की अगुवाई में उड़ीसा जा रहे इस सेवी दल को विदाई देने क्षेत्र के तमाम सामाजिक सरोकारों से जुड़े लोगों ने भोर में स्टेशन पहुंचकर अपनी शुभकामनाएं दीं।  इस रेडक्रॉस सेवी दल में रेडक्रॉस आजीवन सदस्य एड अनुराग सक्सेना, विजय यादव ने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा उत्सव में हमे मानव सेवा का सौभाग्य प्राप्त होगा। रेडक्रॉस जिला सचिव आरती श्रीवास्तव ने कहा कि रेडक्रॉस सदैव सेवा में खड़ा रहती है। उन्होंने कहा इससे पूर्व वह प्रयागराज संगम तट पर कुंभ व माघ मेला के दौरान श्रद्धालुओं की सेवा कर चुकी हैं। सेवा से उन्हें आंनद की अनुभूति होती है।
रेडक्रॉस टीम को बधाई देते हुए लखीमपुर चेयरमैन डॉक्टर इरा श्रीवास्तव ने टीम को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह लखीमपुर के लिए बेहद गर्व की बात है कि जगन्नाथपुरी की पावन धरा पर होने वाले बहु प्रसिद्घ रथयात्रा उत्सव में लखीमपुर के सेवी अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे। इस अवसर पर जेसीआई से राम मोहन गुप्त 'अमर', आर्येन्द्र पाल सिंह, सपना कक्कड़, श्री चित्रगुप्त कायस्थ सभा लखीमपुर जिलाध्यक्ष एड राजेश श्रीवास्तव, महासचिव प्रदीप सक्सेना मुकेश, बबिता सक्सेना, सुनीता सिंह, अनिल नूतन श्रीवास्तव सहित दर्जनों पत्रकारों एवं सेवियों  ने उपस्थिति दर्ज करवाते हुए रेडक्रॉस सेवी दल का उत्साहवर्धन किया।
लगभग सवा चार घण्टे बाद लखीमपुर से लखनऊ ट्रेन से पहुंचे रेडक्रॉस सेवा दल का लखनऊ स्टेशन पर रेडक्रॉस लखीमपुर चेयरमैन डॉ रविन्द्र शर्मा ने स्वागत एवं अभिनंदन किया। चेयरमैन ने जगन्नाथपुरी रथयात्रा में सेवाएं देने के लिए जा रही टीम को शुभकामनाओं के साथ उडीसा रवाना किया।

जगन्नाथपुरी रथयात्रा में मंत्रमुग्ध करते हैं तीनों जादुई रथ गरुणध्वज, देवदलन और तालध्वज
कहते हैं पुरी में भगवान जगन्नाथ के दर्शन बिन चारो धाम की यात्रा पूरी नही होती। उसके पीछे किवदंती यह है कि भगवान हरि रामेश्वर में स्नान, बद्रीनाथ में ध्यान, पुरी में भोजन और द्वारिका में शयन करते हैं। ऐसी पावन धरा पर रथ यात्रा कई मायनों में धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है। जगन्नाथपुरी रथयात्रा में तीन विशाल रथ निकलते हैं गरुण ध्वज, दर्प दलन, तालध्वज। जिसमे बलराम के रथ को तालध्वज, देवी सुभद्रा के रथ को दर्पदलन और भगवान जगन्नाथ के रथ को गरुणध्वज या नन्दीघोष कहते हैं। खास बात यह है कि तीनों रथ की ऊँचाई, आकृति व पहिये अलग अलग होते हैं। नंदी रथ में 16 पहिये होते हैं, ऊँचाई 13 मीटर, लाल पीले रंग के लगभग 1100 मीटर कपड़े से रथ की साज सज्जा होती है, लगभग 832 लकड़ी के टुकड़ों से मिलकर बने इस रथ के सारथी का नाम दारुक है। इस रथ के घोड़ो का नाम शंख, बलाहक, श्वेत और हरिदाश्व है।इस रथ में भगवान जगन्नाथ के साथ सहायक देवों में वराह, हनुमान, रुद्र, राम, नृसिंह आदि देवता और 8 ऋषि भी चलते हैं।
काले रंग के 4 घोड़ों वाले ताल ध्वज में 14 पहिये होते हैं। 763 लकड़ी के टुकड़ों से बने इस रथ को 13.2मीटर लाल हरे रंग के कपड़ो से सुसज्जित किया जाता है। इस रथ के रक्षक वासुदेव और सारथी मताली हैं, ध्वज पताका का नाम ऊनानी है। इस रथ पर वासुदेव के साथ देव व ऋषि सवार होते हैं खींचने के लिए वासुकी नाग के रूप में रस्सी का इस्तेमाल होता है।
तीसरा विशेष रथ होता है सुभद्रा का जिसे देवदलन रथ कहते हैं। इस रथ में 12 पहिये होते हैं और 12.9 ऊंचे इस रथ लाल काले कपड़े से सजाया जाता है। यह 593 लकड़ी के टुकड़ों का बना होता है। इस रथ की रक्षक माँ दुर्गा और सारथी अर्जुन है। इस रथ में देवियों के साथ ऋषि सवार रहते हैं।
अनिल कुमार श्रीवास्तव

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