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रविवार, 18 जून 2023

प्रयागराज / तीन हजार से ज्यादा कैशिंग सेंटर, एनओसी महज 12 के पास, आग लगी तो होगी बड़ी घटना!

प्रयागराज शहर की कोचिंग कक्षाओं में बच्चों की जान पर संकट का साया मंदरा रहा है। यहां तीन हजार से ज्यादा कोचिंग क्लासेज में 90 प्रतिशत के पास आग से बचाव का अधिकार नहीं है। केवल 12 कोचिंग पाठ्यक्रमों को ही अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त होता है। ऐसे में दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान में आग जैसी घटना यहां हो गई तो परिणाम ज्यादा सिनिस्टर होंगे। एग्नेसशमन विभाग ने 10 जिल्दसाज़ को नोटिस देते हुए हर हफ्ते चेकिंग अभियान चलाने का निर्णय लिया है। अग्निशमन विभाग ने फायर स्टेशन के अधिकारी सिविल लाइंस और नैनी के नेतृत्व में दो टीमें बनाई हैं। ये टीमें शहर में संचालित करीब तीन हजार कोचिंग पाठ्यक्रमों की जांच की गई। विवरण विवरण है कि कोचिंग विवरणी का पंजीकरण कार्यालय में होना आवश्यक है। हैरानी वाली बात है कि हिज 1100 का ही रजिस्ट्रेशन है। करीब 1900 संस्थान अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं। कुल पंजीकृत से केवल 12 सहभागियों को ही अग्निशमन विभाग से एनओसी प्राप्त होता है। अर्थात, मात्र एक प्रतिशत में ही सुरक्षा के पूरे मानक हैं। कोचिंग के लिए पंजीकरण के लिए अग्निशमन विभाग से एनओसी जरूरी है, लेकिन संचालक इस नियम को ताक पर रखते हैं। अग्निशमन विभाग भी आंखें मूंदे हुए हैं। दुर्घटना की स्थिति में नोटिस दिए जाते हैं। फिर सब बेफिक्र। यह स्थिति तब है, जबकि अधिकांश कोचिंग संस्थान सिविल लाइंस कर्नल, गंज व जार्जटाउन यानी शहर के बीच में हैं।हमारे विभाग से 12 कोचिंग पाठ्यक्रम ही एनओसी ली है। एफ काम सिविल लाइन्स और नैनी के नेतृत्व में दो टीमों का गठन किया गया है। टीमें एक सप्ताह में कोचिंग की जांच-पड़ताल करके अग्नि सुरक्षा संबंधी आश्वासन सुनिश्चित करना 10 कोचिंग सेंटरों को नोटिस भी जारी किया गया है। ड्यूटोस को भी सूचित किया गया है। डॉ. र के पाण्डेय, मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रयागराज

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