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शनिवार, 1 अप्रैल 2023

बेमौसम बरसात से फसलों की बरबादी देख सदमें में डूबे किसान

 शनिवार की सुबह तेज हवा के साथ हुई बेमौसम बरसात ने किसानों के दिलों की धड़कन बढ़ा दी। बेमौसम बरसात से फसलों की बर्बादी का मंजर देख किसान फिर से गहरे सदमे में डूब गए। उनके चेहरे उदास और माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती है। शनिवार की सुबह सुबह अचानक मौसम का मिजाज बिगड़ गया। तेज बारिश ने खेतों में खड़ी गेंहू की फसल को भी चौपट कर दिया है। बारिश से चौपट होती फसल को देखकर किसान बेबसी के आंसू बहा रहे हैं। किसानों को चिंता सताये जा रहा हैं कि कैसे हम  किसान क्रेडिट कार्ड और साहूकारों से लिए गए कर्ज को अदा करेंगे और कैसे परिवार का भरण पोषण करेंगे। दगा दे रहे मौसम से किसानों का विश्वास उठ गया है। कृषकों का कहना है कि किसी तरह गोवंशों और आवारा साड़ों से फसल को बचाया और जिस समय किसानों को फसल की सिंचाई की जरूरत थी तो उस समय बारिश की एक बूंद भी नहीं गिरी। अब जब खेतों में फसल पक कर तैयार हो गई है तो बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि किसानों पर सितम ढाए हुए है। किसानों का कहना है कि जब किसान फसल पैदा करके शहरों तक नहीं पहुंचाएगा तो शहरों के आलीशान महलों और बिल्डिंग में रहने वाले लोगों का पेट कैसे भरा जाएगा। किसानों ने शासन और प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि सरकारी कर्ज अदायगी और उनके रोजगार की व्यवस्था कराई जाए जिससे उनके परिवार का भरण पोषण किया जा सके। किसान इस बुरे वक्त में शासन और प्रशासन की तरफ आस लगाए हुए देख रहा है कि शायद उनके जीवन में कुछ खुशहाली आ सके।

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