प्रयागराज इलाहबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता और राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल पिछले 18 वर्षो से माफिया अतीक गैंग के निशाने पर थे। 25 जनवरी 2005 को शहर पश्चिम के विधायक राजू पाल को सुलेम सराय इलाके में गोलियों से भून दिया गया था।
राजू पाल के दोस्त व रिश्तेदार उमेश पाल पूरे मामले के गवाह बन गए। इसके बाद से ही उन पर संकट छाने लगा। दुरदांत अपराधी अतीक के गुर्गे उसके पीछे पड़ गए। 28 फरवरी 2008 को उमेश का अपहरण हुआ। 11 जुलाई 2016 को कचहरी में उमेश पाल पर जानलेवा हमला हुआ। 2022 में मारने की धमकी मिली। सभी मामलों में अतीक-अशरफ गैंग के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई।
2016 में धूमनगंज में जीतेंद्र पटेल की हत्या के मुकदमे में उमेश नामजद कराए गए पर जांच में बरी हो गए। राजू पाल हत्या केस में अभियोजन पक्ष की जिरह हो चुकी थी बचाव पक्ष की ओर से सोमवार 27 फरवरी 2023 तक का समय मांगा गया। इधर 24 फरवरी 2023 को ही उमेश मौत गोलियों से छलनी कर दिए गए।
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