लखनऊ के आयकर विभाग में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। आयकर भवन कार्यालय में फर्जी इंटरव्यू का खेल चल रहा था। इसे अंजाम देने वालों के हौसले इतने बुलंद थे कि उन्होंने खुलेआम आयकर मुख्यालय को ही फर्जी नौकरी देने का अड्डा बना लिया था।ये लोग मुख्यालय की कैंटीन में ही फर्जी जॉब इंटरव्यू ले रहे थे। मामले में एक महिला को गिरफ्तार किया गया है। वहीं विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आ रही है। अधिकारियों की संलिप्तता के बिना इतना बड़ा घोटाला नहीं हो सकता। हालांकि अभी तक किसी अधिकारी के नाम का खुलासा नहीं किया गया है। वहीं, नौकरी के खेल का सच सामने आने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है और हर तरफ इसकी चर्चा हो रही है।आयकर विभाग के जनसंपर्क अधिकारी के मुताबिक मंगलवार 22 नवंबर 2022 को कुछ कर्मचारियों ने कैंटीन में फर्जी इंटरव्यू की जानकारी दी। इसके बाद अधिकारियों व कर्मचारियों की मदद से एक महिला को पकड़ लिया गया। पकड़ी गई महिला का नाम प्रियंका मिश्रा है। उसके पास से फर्जी नियुक्ति पत्र, आयकर विभाग की मुहर व अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं।पूछताछ में पता चला कि महिला 20 दिनों से लगातार मुख्यालय परिसर में युवक-युवतियों का इंटरव्यू ले रही थी। मौके से सात युवक-युवतियां भी पकड़े गए, जिन्होंने बताया कि सभी को आयकर निरीक्षक पद के लिए साक्षात्कार के बाद नियुक्ति पत्र देने के लिए बुलाया गया था। सभी ने इसके लिए प्रियंका मिश्रा को 10-10 लाख रुपए दिए थे।
पुलिस के मुताबिक प्रियंका मिश्रा मूल रूप से शाहजहांपुर की रहने वाली हैं। उसने बी.टेक की पढ़ाई की है और त्रिवेणी नगर, लखनऊ में रहती है। उसका पति शाहजहांपुर में ही रहता है। वह एक निजी कॉलेज से कानून की पढ़ाई कर रही है। आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रियंका आउटसोर्सिंग के माध्यम से आयकर विभाग में काम करती है।पूछताछ में सामने आया है कि यह गिरोह प्रशासनिक अधिकारी बनकर लोगों को आयकर भवन की कैंटीन में बुलाता था। इंटरव्यू लेने के बाद नियुक्ति पत्र भी सौंप देते थे। नियुक्ति पत्र के बाद वह तीन से पांच लाख रुपए टोकन मनी के रूप में लेते थे। एक प्रशासनिक अधिकारी के नाम पर 100 से अधिक लोगों ने नौकरी के नाम पर पैसे लिए। इंटरव्यू के दौरान कैंटीन के पास दो महिलाएं रहती थीं, जहां इनकम टैक्स अधिकारियों के जानने वाले भी आते थे। आयकर विभाग ने मंगलवार रात इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की है। पकड़ी गई महिला व अन्य सभी लोगों को पुलिस को सौंप दिया गया है। गिरोह में शामिल अन्य लोगों का पता लगाने के लिए पुलिस महिला से पूछताछ कर रही है। साथ ही यह भी जानकारी जुटाई जा रही है कि फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर कितने लोगों से ठगी की गयी है। एसीपी हजरतगंज अरविंद वर्मा के मुताबिक जल्द ही गिरोह के अन्य सदस्यों के नाम भी सामने आएंगे। उसे भी गिरफ्तार किया जाएगा।
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