● राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा से ही बच्चे राष्ट्र के योग्य व समर्पित नागरिक बनते हैं। अभिभावकों व शिक्षकों का दायित्व है कि उन्हें सही दिशा दें।
● राज्यपाल ने 10 मेघावी विद्यार्थियों को पुरस्कृत कर किया ऊर्जित व उत्साहित।
● मेघा अलंकरण कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान, दीप प्रज्वलन, ज्ञानदायिनी मॉ सरस्वती वंदना व पुष्प अर्चन से हुई।
● विद्या भारती के राष्ट्रीय मंत्री शिवकुमार ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कहा कि संस्कार व अनुशासन विद्या भारती की विशेषता है।
● कार्यक्रम का सफल संचालन शेषधर द्विवेदी, सर्वेन्द्र अवस्थी एवं मंदाकिनी मिश्रा ने किया।
लखीमपुर, 20 नवंबर । पंडित दीनदयाल उपाध्याय सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर काॅलेज यू.पी. एवं सी.बी.एस.ई. बोर्ड एवं सनातन धर्म सरस्वती विद्या मन्दिर बालिका इण्टर काॅलेज, मिश्राना, के संयुक्त तत्वावधान में हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट बोर्ड परीक्षा में विद्यालयों में टाॅप-10 छात्र/छात्राओं के उत्साहवर्धन हेतु पं0 दीनदयाल उपाध्याय सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर काॅलेज (यू.पी. बोर्ड) उदयपुर, लखीमपुर-खीरी के प्रांगण में ’’संयुक्त मेधा अलंकरण एवं वार्षिकोत्सव समारोह’’ का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रगान, दीप प्रज्ज्वलन, पुष्पार्चन एवं ज्ञानदायिनी मां सरस्वती की वन्दना से हुआ। शेषधर द्विवेदी ने मंचासीन अतिथि महानुभावों का परिचय कराया एवं रवि भूषण साहनी ने विद्यालयों की संक्षिप्त आख्या प्रस्तुत की।
मेधा सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल एवं विशिष्ट अतिथि कि रूप में शिव कुमार राष्ट्रीय मंत्री, विद्या भारती उपस्थित रहकर छात्र/छात्राओं का उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन किया।
मुख्यातिथि के रूप में राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस समय देश में शिक्षा की वर्तमान दशा संस्कार विहीन है लेकिन ऐसे समय में विद्या मन्दिर इसे संस्कार युक्त बना रहे हैं, शिक्षा के माध्यम से ही योग्य समर्पित नागरिक बनता है। अभिभावकों को भी अपने पाल्यों की शिक्षा पर ध्यान देना चाहिये, यह अभिभावकों का बच्चों के प्रति दायित्व है, क्योंकि परिवारों में संस्कारक्षम वातावरण बनाना हम सबका कर्तव्य है। अध्यापकों को नवीन शिक्षा प्राणाली के अनुसार बच्चों के सर्वागीण विकास पर ध्यान देना चाहिए। उन्होने तकनीकी शिक्षा एवं वैश्विक स्तर की शिक्षण व्यवस्था पर विषेष बल दिया। उन्हाने कार्यक्रम व्यवस्था एवं अनुशासन की मुक्त कण्ठ से प्रशंसा की।
विशिष्ट अतिथि श्री शिव कुमार ने बताया कि शिक्षा के साथ संस्कार एवं अनुशासन विद्या भारती की विशेषता है। विद्या भारती के पूर्व छात्र सम्पूर्ण भारत में विषिष्ट स्थानों पर सफलतापूर्वक राष्ट्र की उन्नति में सहभागी बन रहे हैं। उन्होने सभी छात्र भैया एवं छात्रा बहनों को को लक्ष्य निर्धारित कर पूर्ण मनोयोग से प्रयास करने का आहवाहन किया साथ ही उन्होने आत्म-मूल्यांकन पर विषेष बल दिया। उन्होने कहा कि अध्यापक तथा अभिभावक मिलकर भैया/बहनों को योग्य नागरिक बनावें जिससे भारत पुनः विश्वगुरु के रूप में स्थापित हो।
प्रत्येक विद्यालय में हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त कर विद्यालय का गौरवान्वित करने वाले छात्रों को गोल्ड मेडल एवं प्रशस्ति पत्र एवं अन्य सर्वश्रेष्ठ 9 स्थानों पर रहने वाले छात्रों को सिल्वर मेडल एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
सनातन धर्म सरस्वती विद्या मन्दिर बालिका इण्टर काॅलेज में इण्टरमीडिएट में सर्वाधिक अंक हेतु अंजली सिंह कुषवाहा एवं हाईस्कूल परीक्षा में सर्वाधिक अंक हेतु शैलजा दीक्षित को, पं0 दीनदयाल उपाध्याय सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर काॅलेज (यू.पी. बोर्ड) में इण्टरमीडिएट में सर्वाधिक अंक हेतु विनीत कुमार राजपूत एवं हाईस्कूल परीक्षा में सर्वाधिक अंक हेतु अनिकेत प्रजापति को, पं0 दीनदयाल उपाध्याय सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर काॅलेज (सी.बी.एस.ई. बोर्ड) में इण्टरमीडिएट में सर्वाधिक अंक हेतु विनय पटेल एवं हाईस्कूल परीक्षा में सर्वाधिक अंक हेतु प्रशांतदीप वर्मा को राज्यपाल द्वारा गोल्ड मेडल देकर प्रोत्साहित किया गया।
तीनो ही विद्यालयों के 6-6 आचार्य/आचार्याओं को उनके सर्वश्रेष्ठ योगदान हेतु सम्मानित किया गया। साथ ही विद्यालयों के कार्यालय स्टाॅफ एवं कर्मचारियों में से भी विषिष्ट कार्य हेतु 3 कार्यालय स्टाफ एवं 9 कर्मचारियों को भी पुरस्कृत किया गया।
विद्यालयों में विविध क्षेत्रों जैसे -विज्ञान, संगीत, खेलकूद आदि में विषिष्ट योगदान देने वाले तथा विद्या भारती की विविध प्रतियोगिताओं में राष्ट्रीय स्तर पर स्थान प्राप्त कर विद्यालयों को गौरवान्ति करने वाले 24 छात्र/छात्राओं को पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया। विद्यालय में गत तीन वर्षों से निरन्तर शत प्रतिषत उपस्थित रहने वाले 1 छात्र को विषिष्ट पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर छात्र/छात्राओं द्वारा अनेक मनोहारी सांस्कृतिक कार्यक्रम, भजन एवं गीत प्रस्तुत किए गये। छात्राओं द्वारा प्रस्तुत सजीव हनुमान चालीसा कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रही।
कार्यक्रम का कुषल संचालन शेषधर द्विवेदी, सर्वेन्द्र अवस्थी एवं मदाकिनी मिश्रा ने किया। कार्यक्रम को विषिष्ट अतिथियों, नगर के गणमान्य नागरिकों, अभिभावकों तथा छात्र/छात्राओं ने अपनी उपस्थिति से सफल बनाया।
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