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बुधवार, 8 फ़रवरी 2023

ग्रेटर नोएडा / ऑपरेशन ग्रीन में विध्न से दुकानदारों के खिलाफ लामबंद हुए आक्रोशित ऐससिटी वासी

● निजी स्वार्थ के कारण दुकानदार ग्रीन बेल्ट को कर रहे हैं बर्बाद ।

● ग्रीन बेल्ट के पौधों को उजाड़कर जमीन पर अवैध कब्जा करने की है मंशा।

● ऐस सिटी के हज़ारों निवासियों के आर्थिक योगदान, श्रमदान व अथक प्रयासों से हुआ है ग्रीन बेल्ट का निर्माण।

●  400 मीटर लंबी इस ग्रीन बेल्ट में 100 से अधिक प्रजाति के 500 से अधिक पौधे लगाए गए हैं।

● आज भी हर रविवार के दिन ग्रीन बेल्ट वालंटियर करते हैं श्रमदान, अपने हाथों से करते हैं पौधों की देखभाल।

ग्रेटर नोएडा। समाज के प्रति सजग ग्रेटर नोएडा वेस्ट की ऐस सिटी सोसायटी वासी अपने ऑपरेशन ग्रीन अभियान पर विध्न डालने से आक्रोशित होकर ऑपरेशन ग्रीन का रोड़ा बन रहे दुकानदारों के खिलाफ आर पार की लड़ाई के मूड में आ गए है। गंदगी के खिलाफ आंदोलित सोसायटी वासियों ने बताया कि ढाई वर्षों से श्रमदान कर सोसायटी व उसके आसपास का इलाका स्वच्छ व हराभरा कर रहे हैं, वहीं दुकानदार उनकी मेहनत पर पानी फेर रहे हैं। सोसायटी वासियों के मुताबिक कब्जा करने की मंशा से दुकानदार गंदगी फैला कर उनके श्रमदान को बेकार कर रहे हैं। इसकी शिकायत ऐससिटी वासी सम्बंधित प्रशासनिक अधिकारियों से भी कर चुके हैं। गंदगी से बीमारियां फैलती हैं, यदि गंदगी के खिलाफ उनकी इस दोहरी जंग में समस्या का निस्तारण न हुआ तो वो बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

ऐस सिटी सोसायटी के निवासियों ने बताया अब से लगभग 2.5 वर्ष पहले ऐस सिटी के कुछ स्वयंसेवी निवासियों ने विचार किया कि ऐस सिटी सोसाइटी के आस पास के वातावरण को हरा-भरा रखने के प्रयास किया जाना चाहिए।
इसके लिए ऐस सिटी के पीछे वाली सड़क के किनारे की पट्टी को चुना गया जहाँ पर उस समय बहुत गंदगी थी, बहुत कूड़ा-करकट, पत्थर-कंकड़ आदि पड़ा हुआ था।
GNIDA अथॉरिटी के अधिकारियों को इस बाबत सूचित किया गया। उन्होंने इसके लिए तुरंत ही अपनी मौखिक सहमति दे दी साथ ही सभी प्रकार से सहयोग का भरोसा भी दिया।
तत्पश्चात, आपरेशन ग्रीन टीम के नाम से एक व्हाटसअप ग्रुप बनाया गया। ऐस सिटी निवासियों से इस ग्रुप में जुड़ने व स्वेच्छिक आर्थिक सहयोग का आवाह्न किया गया। ऐस सिटी के सैकड़ों निवासियों ने इस पुनीत कार्य में तन-मन-धन सभी प्रकार से सहयोग किया। अथॉरिटी के अधिकारियों ने सरकारी नर्सरी से काफी पौधे और खाद आदि इस ग्रीन बेल्ट के लिए उपलब्ध कराए।

लॉकडाउन के कारण काफी निवासियों के पास पर्याप्त समय था और 2 महीने की कड़ी व निरंतर मेहनत के बाद 400 मीटर लंबी इस ग्रीन बेल्ट की सफाई करके, जमीन समतल करके पौधे लगा दिए गए। लेकिन छोटे-छोटे पौधों को आवारा पशु; गाय, सांड, कुत्ते आदि द्वारा नुकसान पहुंचाया जाने लगा तो आपरेशन ग्रीन टीम के वालंटियर ने आपसी सहयोग से सीमेंट के पोल व कंटीले तार से ग्रीन बेल्ट की फेंसिंग कर दी। 

अब निवासी प्रतिदिन सुबह और शाम के समय अपनी उपलब्धता के अनुसार ग्रीन बेल्ट में श्रमदान करने जाते व पेड़-पौधों की देखभाल करते, निराई-गुड़ाई करते, खाद-पानी देते। 

उपजाऊ जमीन होने व समय से खाद-पानी मिलने के कारण पौधे भी तेजी से बढ़ने लगे। इसी दौरान, सड़क के दूसरी ओर कुछ शॉपिंग काम्प्लेक्स, दुकाने बनने लगी। देखते देखते वह लोग अपना कूड़ा-करकट, मलवा इत्यादि ग्रीन बेल्ट के किनारे डालने लगे। ग्रीन बेल्ट टीम के सदस्यों के कई बार ऐसा नहीं करने का आग्रह किया लेकिन वह लोग नहीं माने। 

अब वह लोग धीरे-धीरे ग्रीन बेल्ट की फेंसिंग को नुकसान पहुंचाने लगे। कुछ दिन में उन्होंने पूरी फेंसिंग को तोड़ दिया और अब वह पेड़-पौधों को उखाड़ने लगे हैं। उनकी स्पष्ट मंशा है कि इस जमीन पर अवैध कब्जा करके निजी प्रयोग में लाएं। 

दुकानदारों के इस घिनोने कृत्य से सभी ऐस सिटी निवासियों में रोष व्याप्त है। उन्होंने संगठित होकर इस मुद्दे को प्रिंट-सोशल मीडिया के माध्यम से उठाने का मन बना लिया है। साथ ही ज्ञापन के माध्यम से इसकी सूचना प्रशासन, अथॉरिटी व पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को देने की तैयारी है।

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